हरियाणा में अपराध और अपराधियों को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष की राय अलग-अलग है। सैनी सरकार पिछले वर्षों की तुलना में इस साल जहां अपराध और अपराधियों पर प्रभावी कार्रवाई करके काफी हद तक नियंत्रित करने की बात कह रही है। वहीं, विपक्ष का आरोप है कि प्रदेश में लगातार अपराध बढ़ते जा रहे हैं। सरकार अपराधियों पर अंकुश नहीं लगा पा रही है। महिलाओं के प्रति होने वाले अपराध में लगातार वृद्धि हो रही है। कारोबारियों से रंगदारी वसूली के मामले बढ़ते जा रहे हैं।
इस संबंध में सरकार का दावा है कि वर्ष 2023 से अब तक प्रदेश में 233 मोस्टवांटेड अपराधियों को गिरफ्तार करके सलाखों के पीछे डाला गया है। यही नहीं, प्रदेश में सक्रिय 248 गैंगस्टरों और उनके कारिंदों के साथ-साथ 792 आपराधिक मामलों में शामिल अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है। सत्तापक्ष का दावा है कि सैनी सरकार हरियाणा में जीरो टॉलरेंस फार क्राइम की नीति पर काम कर रही है। कानून व्यवस्था को पहले से कहीं ज्यादा चुस्त-दुरुस्त और जवाबदेह बनाया गया है।
पिछले वर्षों की तुलना में अपराध दर में काफी गिरावट आई है। स्पेशल टास्क फोर्स ने मुरथल सोनीपत में सुंदर मर्डर केस, हिसार में महिंद्रा शोरूम केस और प्रदेश के कई क्षेत्रों में कई जघन्य अपराधों में शामिल अपराधी आशीष उर्फलल्लू, सन्नी खरड़ और विक्की रिदाना को मुठभेड़ में मार गिराया है। अंबाला में बसपा नेता हरबिलास की हत्या में शामिल अपराधी सागर को भी पुलिस ने मुठभेड़ में मार दिया है। हाई प्रोफाइल मामलों और अन्य दूसरे जघन्य अपराध में शामिल कुल 33 अपराधियों को मुठभेड़ में घायल होने के बाद गिरफ्तार किया गया है।
यही नहीं, एसटीएफ ने केंद्रीय एजेंसियों के साथ तालमेल बिठाकर 83 लुकआउट सरकुलर, 37 रेड कॉर्नर नोटिस, इंटरपोल रेफरेंस 27 पासपोर्ट निरस्तीकरण के 21 मामले और विदेश में रहकर प्रदेश में अपने गुर्गों से अपराध को अंजाम देने वाले नौ अपराधियों को डिपोर्ट करवाकर उन्हें भारत लाया गया है। इन अपराधियों को न केवल जेल की सलाखों के पीछे डाला गया है, बल्कि इनके गैंग को नेस्तनाबूत कर दिया गया है। विदेश में रह रहे कुछ और अपराधियों को भी केंद्रीय एजेंसियों के सहयोग से डिपोर्ट कराने की प्रक्रिया जारी है।
हरियाणा राज्य क्राइम ब्यूरो रिकार्ड के मुताबिक वर्ष 2014 से 2024 के बीच चेन स्नैचिंग को छोड़कर अधिकतर मामलों में अपराध काफी कम हुए हैं। हरियाणा में पिछले कई वर्षों की तुलना में वर्तमान समय में अपराध की दर घटी है। इससे आम नागरिकों में सुरक्षा की भावना पैदा हुई है। लोग अब अपने को सुरक्षित महसूस करने लगे हैं। प्रत्येक थाना और जिला स्तर पर निगरानी व्यवस्था को मजबूत किया गया है।
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