-अशोक मिश्र
कल उस्ताद गुनाहगार घर आए, तो बहुत घबड़ाए हुए थे। मैंने उन्हें ठंडा पानी पिलाया और पूछा, 'क्या बात है उस्ताद! काफी घबराए हुए से हैं। भाभी जी ने तलाक तो नहीं दिया है न!'
उस्ताद ने बसंत ऋतु में ही माथे पर चुहचुहा आए पसीने को पोछते हुए कहा, 'तुम्हारी भाभी गयीं मिट्टी का तेल लेने। तुम्हें इसके अलावा कुछ सूझता भी है? यहां विकीलीक् स वालों द्वारा नाक में दम कर देने का अंदेशा है और तुम हो कि भरी दोपहरिया में राग विहान गा रहे हो। पहले तो मुझे यह बताओ कि ये विकीलिक्स क्या बला है। क्या विकीलीक्स की पहुंच हर कहीं है? अमेरिका राष्ट्रपति के बेडरूम से लेकर अमीनाबाद के मदर चेंज...मेरा मतलब है कि माता बदल पंसारी के गोदाम तक...।'
उस्ताद की बात सुनकर मैं चौंक गया। उस्ताद और विकीलीक्स के बीच किसी कनेक्शन की बात मैं सोच भी नहीं पा रहा था। काफी दिमाग खपाने के बाद भी जब नहीं सूझा, तो उस्ताद से ही पूछ लिया, 'उस्ताद, विकीलीक्स का आपसे क्या लेना देना। कहां आप और कहां विकीलीक्स। भारत के ख्यातिप्राप्त पाकेटमार का विकीलीक्स जैसे टुटपुंजियां नेकवर्क से क्या वास्ता?'
उस्ताद ने गहरी सांस लेते हुए कहा, 'अमां यार! कुछ भी कहो, विकीलीक्स ने तो अमेरिका और भारत जैसे देशों की आंख में अपनी अंगुली घुसेड़ रखी है। पट्ठे ने कैसी-कैसी बातें उजागर की है। अमेरिका के राष्ट्रपति विदेशी राष्ट्राध्यक्षों को यह कहते हैं, वह कहते हैं, जैसी बातें भी खोल कर रख दी है। तभी तो अमेरिका वाले तिलमिलाए घूम रहे हैं। गुरु कहो चाहे कुछ भी, लेकिन ये विकीलीक्स वाले हैं बडेÞ शातिर।'
'लेकिन आप यह बताएं कि आप विकीलीक्स के मामले में कहां फिट होते हैं। आपकी टांग उसमें कैसे फंसी हुई है।'
मेरी बात सुनते ही उस्ताद एक बार फिर उदास हो गए। उन्होंने कहा,'कोई जुगाड़ हो, तो विकीलीक्स वालों से मेरी बात कराओ। अगर विकीलीक्स वालों के पास मेरे बारे में कोई जानकारी हो, तो मैं उसे किसी भी कीमत पर खरीद या वह सूचना लीक करने से रोकना चाहता हूं।'
उस्ताद की बात सुनकर मुझे कोफ्त हुई। बात क्या है, यह बताने की बजाय लंतरानी हांके चले जा रहे हैं। मैंने थोड़ा तल्ख लहजे में कहा, 'जब तक मामले की पूंछ मेरी पकड़ में नहीं आएगी, तब तक मैं आपकी समस्या का हल नहीं सुझा सकता। आप कम से कम मुझे तो साफ-साफ बताएं कि माजरा क्या है। विकीलीक्स वालों ने आपकी कौन-सी भैंस खोल दी है। या आपके घर से भेली (गुड़) चुरा ली है।'
उस्ताद ने 'सूं...' करके गहरी सांस ली और बोले, 'बात यह है कि तुम्हारी भाभी को शक है कि मैं बाजू वाली मिसेज सक्सेना को लाइन मारता हूं। बात दरअसल यह है कि कुछ दिन पहले घर से निकलते वक्त मिसेज सक्सेना से थोड़ी बात हो गई। उसके अगले दिन मिसेज सक्सेना बाजार में मिल गईं। ऐसा ही संयोग तब बना, जब मैं तुम्हारी भाभी जी के साथ मल्टीप्लैक्स में 'आन मिलो सजना' देखने गया। वहां मिसेज सक्सेना को देखते ही बेगम के कान खड़े हो गए। पता नहीं किस नामुराद ने तुम्हारी भाभी को पिछली दो मुलाकातों के बारे में बता दिया। तब से मैं उसको खोज रहा हूं। अगर वह मिल जाए, तो उसके कान के नीचे गरम कर दूं। इस मामले में तो वही कहावत चरितार्थ हो रही है कि सूत न कपास, जुलाहे से लट्ठमलट्ठा। अभी कल ही अखबारों में पढ़ा है कि विकीलीक्स वालों की इतनी तगड़ी पहुंच है कि वे पूरी दुनिया के बारे में राई-रत्ती खबर रखते हैं। सोचता हूं कि कहीं विकीलीक्स वालों ने तो तुम्हारी भाभी के कान नहीं भरे हैं। अगर उनके पास मेरी और मिसेज सक्सेना की बात करते हुए फोटो-सोटो हो और वह बेगम के हाथ लग गए, तो अपनी लंका लग जाएगी। यदि कोई सुबूत वगैरह हो, तो पैसा ले-देकर मामला सुलट जाए, तो अच्छा है।'
उस्ताद गुनाहगार की बात सुनकर मुझे काफी हंसी आई। मैंने ठहाका लगाते हुए कहा, 'उस्ताद! काली भेड़ को खोजना है, तो अपने इर्द-गिर्द रहने वालों में तलाशिए। विकीलीक्स वालों के पास आपके खिलाफ कोई सुबूत नहीं होगा, इसकी मैं गारंटी लेता हूं।'
मेरी बात सुनकर उस्ताद गुनाहगार झटके से उठे और बोले, 'तुमसे कोई सलाह मांगना ही बेकार है। जब मैं कहता हूं कि विकीलीक्स वालों की यह करतूत हो सकती है, तो आप उसे क्लीन चिट देने पर तुले हुए हैं। लगता है कि तुम विकीलीक्स वालों से पैसा खा गए हो।!' इतना कहकर वे चलते बने।
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