अशोक मिश्र
फरीदाबाद के सूरजकुंड में कल यानी 17 नवंबर को उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की 32वीं बैठक हुई। बैठक में कई तरह के मुद्दे उठाए गए। लाल किले के पास दस नवंबर को हुए विस्फोट पर तो चर्चा हुई ही, लेकिन इस बीच पंजाब-हरियाणा के बीच जल विवाद का मसला भी काफी चर्चा में रहा। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाते हुए कहा कि सभी राज्यों के पानी के हिस्से को संबंधित राज्य तक पहुंचाने की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए।हरियाणा लगातार दिल्ली को उसके हिस्से से अधिक पानी दे रहा है, जबकि एसवाईएल नहर के निर्माण में देरी के कारण पंजाब से हरियाणा को पूरा पानी नहीं मिल पा रहा। पानी हम सबका साझा संसाधन है, इसलिए उसे स्वच्छ रखना सभी की जिम्मेदारी है। सीएम सैनी के मुद्दे उठाने के बाद पंजाब के सीएम भगवंत मान ने कहा कि पंजाब की नदियों के जल पर पंजाब का पूरा हक है।
मान ने कहा कि इंडस वाटर ट्रीटी निलंबन के बाद अब मौका है कि राज्यों के बीच पानी के विवाद का हल निकाला जाए। चिनाब नदी को रावी-ब्यास से जोड़ा जाए, ताकि पंजाब व बाकी राज्यों को सिंचाई और बिजली के लिए ज्यादा पानी मिल सके। वैसे रावी-ब्यास से चिनाब को जोड़ने की बात वह कई बार दोहरा चुके हैं। दरअसल, पंजाब और हरियाणा के बीच चल रहा जल विवाद बहुत पुराना है। एसवाईएल मामले को लेकर सन 1960 से लेकर अब तक कई बार मामला सुप्रीम की कोर्ट की चौखट तक पहुंच चुका है।
हरियाणा ने अपने हिस्से की नहर तक तैयार कर ली है, लेकिन पंजाब अपने हिस्से की नहर तैयार करने को राजी नहीं है। निकट भविष्य में भी एसवाईएल मुद्दे के हल होने के आसार नहीं दिख रहे हैं। रावी-ब्यास नदी को चिनाब से जोड़ने की मांग करके सीएम मान ने मामले को और उलझा दिया है। रावी-चिनाब नदियों का पानी पंजाब और हरियाणा तक पहुंचाने को यदि केंद्र तैयार भी हो जाए, तो इसे अमल में लाने में काफी समय लगेगा। इतना आसान नहीं है रावी-ब्यास और चिनाब से पंजाब तक नहर बनाना।
इसमें काफी पैसा और समय लगेगा। सच कहा जाए, तो वास्तविक स्थिति से सीएम मान वाकिफ हैं। इसी वजह से उन्होंने यह मुद्दा उठाया है। पिछले कई दशक से एसवाईएल का मुद्दा दो राज्यों के बीच झूल रहा है, लेकिन अभी तक उसका कोई हल नहीं निकला है। यदि पंजाब एसवाईएल के जरिये पानी देने को तैयार भी हो जाता है, तो पंजाब में एसवाईएल नहर निर्माण में भी कई साल लग जाएंगे। पंजाब से पानी नहीं मिलने की वजह से हरियाणा में पानी की समस्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। गर्मी में दक्षिण हरियाणा सहित कई हिस्सों में पानी की समस्या भयानक रूप अख्तियार कर लेती है। लोग बूंद-बूंद पानी को तरस जाते हैं।

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