Wednesday, November 12, 2025

मैं दूसरे की फसल कैसे कटवा सकता हूं

बोधिवृक्ष

अशोक मिश्र

मराठा सेनापति बाजीराव पेशवा काफी उदार हृदय थे। इनका जन्म महाराष्ट्र के चितपावन ब्राह्मण परिवार में हुआ था। इनके पिता पेशवा बालाजी विश्वनाथ भी छत्रपति शिवाजी महाराज के पेशवा थे। बाजीराव पेशवा के बारे में कहा जाता है कि वह किसी भी युद्ध में पराजित नहीं हुए थे। 

बाजीराव पेशवा को 19 साल की आयु में पेशवा की जिम्मेदारी मिल गई थी। एक बार की बात है। बाजीराव पेशवा कोई युद्ध जीतकर वापस आ रहे थे। युद्ध कुछ लंबा चला था, जिसकी वजह से उनके सैनिकों के पास रसद कम हो गया था। शाम होने पर उन्होंने एक गांव के नजदीक पड़ाव डाला। सैनिकों ने पेशवा को सूचित किया कि रसद कम है। कुछ व्यवस्था करनी पड़ेगी। 

पेशवा ने सैनिकों को आदेश दिया कि गांव जाकर कुछ फसल काट लाओ। एक छोटी टुकड़ी गांव की ओर चल पड़ी। गांव के बाहर उन्हें एक व्यक्ति दिखाई दिया। सैनिकों ने उस व्यक्ति से खेत दिखाने को कहा। उस व्यक्ति ने सोचा कि शायद शासन की ओर से यह अधिकारी आए हैं, जो खेतों का निरीक्षण करना चाहते हैं। वह सैनिकों को एक बड़े से खेत में ले गया। 

उस खेत को देखते ही टुकड़ी नायक ने कहा कि फसल काट लो। अब उसकी समझ में सारा मामला आ गया। उसने सैनिकों को फसल काटने से रोकते हुए कहा कि मैं आपको दूसरे खेत में ले चलता हूं। काफी दूर वह उन्हें एक खेत में ले गया जो काफी छोटा था।  सैनिक नाराज होने लगे, तो उसने कहा कि वह खेत दूसरे का था। मैं उस खेत की फसल कैसे कटवा सकता था। यह मेरा खेत है। आप जितना चाहें फसल काट सकते हैं। यह सुनकर सैनिकों ने लौटकर पेशवा को सारी बात बताई। तब पेशवा ने काफी धन देकर उस किसान के खेत से फसल कटवा ली।

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