बोधिवृक्ष
अशोक मिश्र
आगस्ट रोडिन को आधुनिक मूर्तिकला का संस्थापक माना जाता है। 12 नवंबर 1840 को फ्रांस में जन्मे आगस्ट रोडिन ने मूर्ति कला में भावनाओं, गति और मानव शरीर को दर्शाने की नई विधा ईजाद की थी। हालांकि उनकी कुछ मूर्तियों को लेकर उन दिनों विवाद भी हुआ था। लेकिन रोडिन की प्रसिद्ध मूर्तियों में से द किस, द थिंकर, द गेट्स आफ आल, द एज आफ ब्रांज, मान्यूमेंट टू बाल्जाक आदि प्रमुख हैं। रोडिन ने तत्कालीन मान्यताओं और परंपराओं को नकारते हुए मूर्ति कला के नए सिद्धांतों को अपनाया और लोगों की मूर्तिकला के संबंध में प्रचलित धारणा को बदलने का प्रयास किया। रोडिन ने कांस्य और संगमरमर की बहुत सारी प्रतिमाएं बनाई थीं। कहा जाता है कि एक बार अंग्रेजी साहित्य के विख्यात नाटककार जार्ज बनार्ड शॉ ने उनसे अपनी मूर्ति बनाने का अनुरोध किया।शॉ अंग्रेजी साहित्य के बहुत बड़े नाटककार थे। उनकी ख्याति दुनिया भर में थी। हालांकि रोडिन भी अपनी कला के क्षेत्र में कम विख्यात नहीं थे। मूर्ति बनाने की कीमत एक हजार पाउंड तय हुई। रोडिन ने शॉ की दस-बारह मूर्तियां बनाईं, लेकिन रोडिन अपनी मूर्तियों से संतुष्ट नहीं थे। वह इससे भी बेहतरीन मूर्ति बनाना चाहते थे। हालांकि, बनार्ड शॉ को उन मूर्तियों में से चार-पांच बहुत पसंद थी। एक दिन शॉ ने मजाक करते हुए कहा कि मेरी मूर्ति कब बनेगी? इतना समय लगाएंगे, तो कमाएंगे क्या? रोडिन ने गंभीरता से जवाब दिया कि जब अच्छा मॉडल मिल जाए, तो कमाई का ध्यान नहीं रहता है। तब शॉ बोले कि अगर मैं अच्छा मॉडल हूं, तो मुझे मेहनताना मिलना चाहिए। रोडिन ने कहा कि एकदिन आपको गर्व होगा कि आपके पास रोडिन की बनाई मूर्ति है। यही आपका मेहनताना होगा।

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