Tuesday, November 25, 2025

हरियाणा को अपराध मुक्त बनाने को चल रहा आपरेशन ट्रैकडाउन

अशोक मिश्र

किसी भी देश और प्रदेश के विकास की आधारशिला आधारभूत संरचनाएं होती हैं। आधारभूत संरचनाएं तभी विकसित होती हैं, जब पूंजीपतियों को
देश या प्रदेश का वातावरण अपराधरहित हो, सड़कें और अन्य सुविधाएं मुकम्मल तौर पर हासिल हों और नौकरशाही का पूर्ण सहयोग हो। कोई भी पूंजीपति अशांत वातावरण में उद्योग लगाना नहीं चाहता है। प्रदेश के मुखिया नायब सिंह सैनी ने पिछले दिनों जापान में वहां के प्रसिद्ध उद्योगपतियों को हरियाणा में उद्योग लगाने के लिए प्रोत्साहित किया था। 

उन्होंने प्रदेश में उद्योग लगाने के लिए रुचि भी दिखाई थी। इसके लिए जरूरी है कि प्रदेश का माहौल अपराधरहित हो। प्रदेश सरकार के निर्देश पर हरियाणा पुलिस पांच से 20 नवंबर तक आपरेशन ट्रैकडाउन मुहिम चला रखी थी, लेकिन मुहिम की सफलता को देखते हुए इसे आगे के लिए बढ़ा दिया गया है। पुलिस ने आपरेशन ट्रैकडाउन के तहत अब तक 4566 अपराधियों को गिरफ्तार किया है। इनमें 1439 कुख्यात, वाछिंत और संगीन मामलों के अपराधी हैं। बाकी अपराधी अन्य मामलों के आरोपी हैं। 

आपरेशन ट्रैकडाउन का लक्ष्य प्रदेश को अपराध मुक्त बनाना है। दरअसल, पिछले काफी दिनों से प्रदेश में आपराधिक घटनाएं बढ़ती जा रही थीं। विदेश में बैठे अपराधी संगठन और उनके मुखिया अपने गुर्गों के माध्यम से संगीन अपराध करते रहते हैं। राज्य में गोलीबारी, फिरौती, अपहरण और हत्या जैसे गंभीर मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है। इसका तोड़ यह निकाला गया है कि प्रत्येक थाना इंचार्ज को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वह अपने इलाके के पांच गैंगस्टरों को गिरफ्तार करे। 

हरविंदर रिंदा, लखबीर लांडा, अर्श डाला,दीपक बॉक्सर, रितिक बॉक्सर, सचिन बिश्नोई ,काला जठेड़ी,रोहित गोदारा,  गोल्डी बराड़, अनमोल बिश्नोई, लॉरेंस बिश्नोई जैसे गैंगस्टरों ने हरियाणा और पंजाब में आतंक मचा रखा है। पुलिस इनके नेटवर्क खत्म करने के लिए आपरेशन ट्रैकडाउन चला रही है। पुलिस की रणनीति यह है कि प्रदेश के अपराधियों, गैंगस्टरों को गिरफ्तार करके विदेश में जा बसे गैंगस्टरों का नेटवर्कतोड़ दिया जाए। विदेश में रहकर ये गैंगस्टर यहां के अपराधियों के जरिये ही अपराध को अंजाम देते हैं। 

रोहित गोदारा, गोल्डी बराड़, अनमोल बिश्नोई, लॉरेंस बिश्नोई जैसे तमाम गैंगस्टर व्यपारियों, कारोबारियों और उद्योगपतियों से रंगदारी यहां के अपराधियों के जरिये ही वसूलते हैं। अपने दुश्मनों की हत्या भी वह इन्हीं अपराधियों से करवाते हैं। यदि पुलिस इन छुटभैये अपराधियों की नाक में नकेल डालने में सफल हो गई, तो बड़े गैंगस्टरों और अपराधियों का नेटवर्कछिन्न-भिन्न हो जाएगा। वैसे साढ़े चार हजार अपराधियों को गिरफ्तार कर लेना भी अच्छी खासी उपलब्धि मानी जाएगी।

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