अशोक मिश्र
सिकंदर का जन्म 356 ईसा पूर्व मैसेडोनिया में हुआ था। पिता राजा फिलिप की हत्या के बाद सिकंदर ने मैसेडोनिया का शासन संभाला और उसे विस्तार देना शुरू किया। सिकंदर का वास्तविक नाम अलेक्जेंडर था। उसका सिर्फ 33 साल की उम्र में ही निधन हो गया था, लेकिन उस समय की ज्ञात दुनिया का लगभग एक तिहाई भाग जीत लिया था। सिकंदर ने सने अपने कार्यकाल में इरान, सीरिया, मिस्र, मसोपोटेमिया, फिनीशिया, जुदेआ, गाझा, बॅक्ट्रिया और भारत के कंधार पर हमला करके उसे जीत लिया था।
कंधार में उसने राजा पोरस यानी पुरु को पराजित किया था। इसके बाद युद्ध से ऊबी हुई सेना के बगावती रुख अख्तियार करने पर वह वापस यूनान की ओर लौट गया। रास्ते में ही उसकी मृत्यु हो गई। कहते हैं कि एक राज्य पर उसने आक्रमण किया, तो वहां के राजा ने अपनी सारी सेना को सिकंदर का सामना करने के लिए भेज दिया।
कहीं कहीं पर इस राजा का नाम फिलिप बताया जाता है, लेकिन इतिहासकारों को मानना है कि उसके पिता फिलिप द्वितीय के अलावा उसके शासनकाल में कोई राजा फिलिप नहीं था जिससे उसका युद्ध हुआ हो। जब दोनों ओर की सेनाएं एक दूसरे के सामने आ गईं तो युद्ध शुरू होने की घोषणा होते ही राजा ने युद्ध खत्म होने की घोषणा कर दी। राजा बंदी बना लिया गया।
सिकंदर ने कहा कि युद्ध शुरू होते ही क्यों बंद कर दिया। तब राजा ने कहा कि आपकी सेना के सामने हमारी सेना नहीं टिक सकती थी, तो बेवजह सैनिकों का खून बहाने का कोई मतलब नहीं था। आप यह जो नगर में लूटपाट करवा रहे हैं, वह आपकी ही प्रजा है। अब वह मेरी प्रजा तो रही नहीं क्योंकि मैं पराजित हूं। यह सुनकर सिकंदर उस राजा से बहुत प्रभावित हुआ और जीता हुआ राज्य लौटा दिया।
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