Sunday, October 5, 2025

पारिवारिक कलह की वजह से बढ़ रही सामूहिक आत्महत्या

अशोक मिश्र

घरेलू कलह ने तीन जिंदगियों को निगल लिया। फरीदाबाद के नेकपुर गांव में एक पिता ने अपने तीन बच्चों को फांसी का फंदा लगाकर खुद फांसी पर झूल गया। पिता और एक पुत्री की तो घटना स्थल पर ही मौत हो गई थी। एक बेटी और बेटा अस्पताल पहुंचाए गए, लेकिन दो घंटे बाद बेटी ने भी दम तोड़ दिया। इस घटना के पीछे घरेलू विवाद और पत्नी के साथ उसके मायके वालों का गलत चाल-चलन बताया जा रहा है। 

मरने वाले ने फांसी का फंदा लगाने से पहले ही वीडियो बनाकर अपनी पत्नी और ससुराल की महिलाओं पर प्रकारांतर से वेश्यावृत्ति के आरोप लगाए हैं। सच क्या है? यह तो पुलिस की जांच में पता चलेगा, लेकिन घरेलू विवाद में पूरे परिवार के साथ आत्महत्या करने की घटनाएं पिछले एक दशक से बढ़ गई हैं। यह प्रवृत्ति हरियाणा में ही नहीं, पूरे देश में देखने को मिल रही है। 

अगर हम फरीदाबाद की ही बात करें, तो ऐसी कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। इसी साल 27 जुलाई को फरीदाबाद के रोशन नगर में पिता ने अपने दो बच्चों के साथ आत्महत्या कर ली थी। 10 जून को बल्लभगढ़ में पिता ने अपने चार मासूम बच्चों के साथ ट्रेन के आगे कूदकर जान दे दी थी। एक बच्चे ने तो बचने के लिए प्रयास भी किया था, लेकिन पिता ने उसकी बांह ही नहीं छोड़ी थी। मरने वाले की अपनी पत्नी से कहासुनी हुई थी। 10 मार्च को ही न्यू भारत कॉलोनी में एक महिला ने फांसी का फंदा लगाने से पहले अपने बेटे को जहर खिला दिया। 

दरअसल, समाज में पिछले कुछ वर्षों से असहिष्णुता बढ़ रही है। लोगों में गुस्सा बढ़ रहा है। छोटे-छोटे बच्चे तक छोटी मोटी बातों को लेकर बड़े अपराध को अंजाम दे रहे हैं। इसका कारण गरीबी, बेरोजगारी और संयुक्त परिवार का विघटन माना जा रहा है। पहले संयुक्त परिवार में सब लोग एक साथ रहते थे। यदि पति-पत्नी में किसी प्रकार का मनमुटाव पैदा हो जाता था, तो परिवार के लोग दोनों को समझा बुझाकर शांत कर देते थे। बच्चे भी परिवार से जुड़कर अपने को सुरक्षित ही महसूस नहीं करते थे, बल्कि वह समाज में रहने के तौर-तरीके भी सीख जाते थे। वह अपने को अकेला महसूस नहीं करते थे। 

इसकी वजह से उनमें किसी प्रकार का क्षोभ, क्रोध या अकेलापन महसूस नहीं होता था। लेकिन आज हालात बदल गए हैं। परिवारों पर आर्थिक दबाव बढ़ता जा रहा है। बदलती जीवन शैली ने सोच-विचारों पर हमला कर दिया है जिसकी वजह से लोगों में पैसा कमाने की लालसा बढ़ती जा रही है। पैसा कमाने का जरिया जायज है या नाजायज, इसकी ओर लोगों ने ध्यान देना भी छोड़ दिया है। यही वजह है कि पारिवारिक कलह के मामले बढ़ते जा रहे हैं।

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