Sunday, August 10, 2025

यौन सुख की चाह में पतन के गर्त में गिरती जा रही युवा पीढ़ी

अशोक मिश्र

रेवाड़ी की फास्टट्रैक कोर्ट ने गुरुग्राम की महिला टीचर को जमानत देने से इनकार कर दिया। यह फैसला हालांकि छह अगस्त को ही आ गया था, लेकिन फैसले की कापी शनिवार को सामने आई है। महिला टीचर पर अपनी ही कक्षा के नाबालिग छात्र का यौन शोषण करने का आरोप है। टीचर ने कोर्ट से जमानत मांगी थी, लेकिन जमानत याचिका कोर्ट ने यह कहते हुए खारिज कर दी कि टीचर ने अपनी उम्र और टीचर-स्टूडेंट के पवित्र रिश्ते का ध्यान नहीं रखा। इसे जमानत नहीं मिल सकती। 

बता दें कि इस अध्यापिका ने अपने कक्षा के एक नाबालिग शिष्य से अवैध संबंध बनाए। उसे अच्छे अंक दिलाने का आश्वासन दिया। शिष्य को वह कई बार गुरुग्राम के कई होटलों में ले गई और यौन संबंध बनाए। अध्यापिका गुरुग्राम के एक नामी-गिरामी स्कूल में पढ़ाती थी। बाद में जब स्टूडेंट ने यौन शोषण के लिए विरोध जताना शुरू किया, तो उसने अपने शिष्य के खिलाफ छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज करा दिया था। इसके बाद स्टूडेंट ने अपने पिता के सामने अध्यापिका की पोल खोल दी और यह मामला दुनिया की नजर में आ गया। हमारे देश में कुछ रिश्ते बहुत पवित्र माने गए हैं। 

उनमें शिष्य और गुरु का रिश्ता भी है। हमारे देश की सामाजिक और सांस्कृतिक परंपरा में माता-पिता को सबसे उच्च स्थान प्राप्त है। माता-पिता बच्चे को जन्म देते हैं। उनका पालन पोषण करते हैं। वह उसके सुख-दुख में हमेशा साथ खड़े होते हैं। इसके बाद नंबर आता है गुरु और शिष्य का। गुरु और शिष्य के बीच का रिश्ता भी माता-पिता के रिश्ते की तरह बड़ा पवित्र होता है। गुरु का दर्जा हमारे देश में भगवान से भी ऊपर माना जाता है। इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि हमारे देश में गुरु (महिला हो या पुरुष) की महत्ता कैसी है। अगर यह कहा जाए कि महिला ने अपने स्टूडेंट से यौन संबंध बनाकर कानूनी अपराध तो किया ही है, उसने सामाजिक और सांस्कृतिक पाप भी किया है। 

जिन रिश्तों में यौन संबंध बनाना वर्ज्य है, उन रिश्तों को कलंकित करने का काम महिला ने किया है। दरअसल, वर्तमान समय में रिश्ते-नातों का महत्व बड़ी तेजी से गिरा है। सोशल मीडिया ने लोगों को आत्मकेंद्रित बना दिया है। लोगों को अपना सुख, अपना आराम सबसे ज्यादा प्रिय हो गया है। आधुनिकता के नाम पर यौनाचार, न्यूनतम वस्त्र पहनना और स्वच्छंद जीवन जीना ही माडर्न होना हो गया है। 

नतीजा यह हुआ कि लोगों में यौन सुख की चाह बढ़ने लगी है। पति होते हुए भी ब्वायफ्रेंड रखना, फैशन माना जाने लगा है। इसकी चपेट में अब रिश्ते भी आ रहे हैं। कई ऐसी खबरें भी पढ़ने को मिल जाती हैं जिनको पढ़कर शर्म आ जाए।

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