वैसे तो हरियाणा में झीलों और जलाशयों की कोई कमी नहीं है। इसके बावजूद पिछले कुछ दशक से हरियाणा के कई इलाकों को गर्मी में जल संकट का सामना करना पड़ता है। कुछ झीलों और जलाशयों का रखरखाव ठीक से न होने से वह खत्म होने की कगार पर हैं। प्रदेश के सीएम नायब सिंह सैनी ने इन झीलों और जलाशयों को पुराने स्वरूप में लाने की कोशिश शुरू कर दी है।
फरीदाबाद में स्थित ऐतिहासिक बड़खल झील को सुधारने और उसके जीर्णोद्धार का काम काफी पहले शुरू हो गया था। अब तक अस्सी प्रतिशत काम पूरा भी हो गया है। उम्मीद है कि अक्टूबर महीने से इस झील को पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा। दरअसल, बड़खल झील मानव निर्मित है जिसका निर्माण सिंचाई परियोजना के तहत सन 1947 में किया गया था।
बड़खल झील कभी एक समृद्ध जलाशय हुआ करती थी। जो अपने मनमोहक दृश्यों और हरे-भरे परिवेश के लिए जानी जाती थी। अरावली पहाड़ियों के बीच स्थित यह झील प्रकृति प्रेमियों, साहसिक गतिविधियों के शौकीनों और शांतिपूर्ण विश्राम की तलाश में रहने वाले परिवारों के लिए एक लोकप्रिय गंतव्य थी। हालांकि पर्यावरणीय परिवर्तनों और अत्यधिक भूजल दोहन के कारण यह झील समय के साथ सूख गई। फिर भी यह इस क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण स्थल है। आसपास का क्षेत्र अपनी प्राकृतिक सुंदरता, साहसिक गतिविधियों और सांस्कृतिक महत्व के कारण पर्यटकों को आकर्षित करता रहता है।
लेकिन अब सैनी सरकार ने बड़खल झील को पुराने स्वरूप में लाने का फैसला किया है। बड़खल झील को सजाने-संवारने में कई कलाकार जुटे हुए हैं। झील को जिस तरह भी सुंदर और सजाया जा सकता है, उसका हर संभव प्रयास किया जा रहा है। पंजाब और हरियाणा के कई कलाकार यहां की दीवारों और अन्य स्थानों पर चित्रकारी कर रहे हैं। पंजाब निवासी गगनदीप सिंह ने यहां पर योग करने वाली मूर्ति, शेर और किताब पढ़ती बच्ची की प्रतिमा तैयार की है। इसके अलावा झील की दीवारों पर थ्रीडी वाल पेंटिंग भी कर रहे हैं।
सरकार की योजना यह है कि बड़खल झील को पूरी तरह साफ करके उसमें पानी भरा जाए ताकि यहां आने वाले पर्यटकों को बोटिंग की सुविधा मुहैया कराई जाए। लोग झील का आनंद उठा सकें, इसके लिए नमो नाम से एक घाट भी बनाया जा रहा है। इसके अलावा झील को पिकनिक स्पॉट में तब्दील करने की योजना है। इसके लिए कैफे एरिया, बैठने के लिए स्थान और किचन जोन तैयार किया जा रहा है। झील का सौंदर्यीकरण के बाद उम्मीद है कि शांति, रोमांच, प्राकृतिक और सांस्कृतिक विरासत की झलक चाहने वालों के लिए एक आकर्षक स्थल बन जाएगा।
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