पिछले दिनों अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत की दवाओं पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। इससे देश के जेनरिक दवा कारोबार पर निस्संदेह गहरा असर पड़ेगा। भारत की सत्तर अस्सी फीसदी जेनरिक दवाओं की खपत अमेरिका में होती है। टैरिफ लागू होने के बाद अमेरिका में जेनरिक दवाएं महंगी हो जाएंगी। इससे देश का राजस्व घटेगा।
इस स्थिति से निपटने के लिए हरियाणा की सैनी सरकार ने करनाल में सौ एकड़ में फार्मा पार्क का निर्माण करने का फैसला किया है, ताकि दवा कारोबार में भारत को आत्मनिर्भर बनाया जा सके और दूसरे देशों में इन दवाओं का निर्यात करके अमेरिका में होने वाले घाटे की भरपाई की जा सके। करनाल में फार्मा पार्क बनने से हमारे देश और प्रदेश में भी दवाओं की कमी नहीं रहेगी। इसके लिए नायब सिंह सैनी सरकार ने हरियाणा फार्मा पॉलिसी को रिन्यू करने की इजाजत भी दे दी है ताकि करनाल में बनने वाले फार्मा पार्क के निर्माण में किसी तरह की अड़चन न आ सके।
वर्ष 2018-19 में बनी हरियाणा फार्मा पॉलिसी पिछले साल 2024 में एक्सपायर हो गई थी। वैसे भी पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव के दौरान सीएम सैनी ने करनाल के फार्मा पार्क को पूरा करने का वायदा किया था। अपने इस वायदे को सैनी ने भाजपा के चुनाव घोषणा पत्र में भी शामिल करवाया था। करनाल में फार्मा पार्क बनने से प्रदेश के युवाओं को भी फायदा होगा। जहां उद्योगपतियों को अपनी पूंजी निवेश करके दवा क्षेत्र में आगे बढ़ने का मौका मिलेगा, वहीं प्रदेश तीस हजार से अधिक कुशल और अकुशल युवाओं को रोजगार भी हासिल होगा।
करनाल के फार्मा पार्क में देश भर से करीब 150 फार्मा विनिर्माण इकाइयां स्थापित की जाएंगी। वैसे भी करनाल में पहले से ही करीब 150 छोटी-बड़ी फार्मा इकाइयां कंपनियां काम कर रही हैं। इन इकाइयों का सालाना कारोबार एक हजार करोड़ से कहीं ज्यादा है। करनाल में जब फार्मा पार्क बनकर तैयार हो जाएगा, तो निश्चित रूप से दवा काराबोर वर्तमान से कई गुना ज्यादा हो जाएगा। फार्मा पार्कतैयार होने पर देश की कंपनियां यहां पूंजी निवेश करेंगी, इससे प्रदेश को ही फायदा होने वाला है।
वैसे सैनी सरकार हिमाचल और उत्तराखंड में शिफ्ट हो गईं 150 कंपनियों की नई यूनिट करनाल में खुलवाने के लिए प्रयत्नरत हैं। दस साल के लिए टैक्स फ्री घोषित होने के बाद यह कंपनियां इन दोनों राज्यों में शिफ्ट हो गई थीं। लेकिन अब उनकी नई यूनिट खुलने की उम्मीद है। करनाल में छोटी-बड़ी दवा कंपनियों को टेस्टिंग और क्वालिटी कंट्रोल चेक करने के लिए कहीं और जाने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी। सैनी सरकार यह सुविधाएं यहीं उपलब्ध कराने की योजना बना रही है।
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