Sunday, December 21, 2025

मेहनत करो, बीमारी ठीक हो जाएगी

 बोधिवृक्ष

अशोक मिश्र

मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता है। मेहनत नहीं करने से तमाम तरह के रोग पैदा हो जाते हैं। यही वजह है कि सदियों से हमारे देश में श्रम की महत्ता ग्रंथों में गाई गई है ताकि लोग श्रम करने से पीछे न रहें। इस बात को हमारे देश के ऋषि-मुनि बहुत पहले ही समझ गए थे। 

एक बार की बात है। किसी जगह पर एक व्यापारी रहता था। व्यापारी ने अपने जीवन में काफी धन कमाया था। उसका परिवार भी बहुत सुखी थी। उसे किसी तरह की कोई परेशानी नहीं थी। वह सबके साथ मधुर व्यवहार करता था। लोग उसकी दयालु प्रवृत्ति की प्रशंसा भी करते थे। लेकिन कुछ साल बाद उसे एक समस्या होने लगी। उसे रात में नींद आनी बंद हो गई थी। 

नींद न आने की वजह से वह कुछ चिढ़चिढ़ा भी होता जा रहा था। यदि थोड़ी देर के लिए नींद आ भी जाती तो वह बुरे-बुरे सपने देखता था। उसने अपना इलाज भी बहुत कराया लेकिन फायदा नहीं हुआ। उन्हीं दिनों उसने सुना कि उसके शहर में एक संत आए हैं जिनके पास लोग समस्याएं लेकर जाते हैं और वह उसकी समस्याओं का हल बता देते हैं। एक दिन बड़ी हिम्मत करके व्यापारी भी संत के पास पहुंचा और अपनी समस्या बताई। 

संत ने छूटते ही कहा कि तुम जैसे अपंग के साथ ऐसा ही होता है। व्यापारी तिलमिलाकर बोला, मैं अपंग कैसे हूं? मेरे सारे अंग तो काम कर रहे हैं। संत ने कहा कि अपंग वह भी होता है, जो अपना काम खुद नहीं करता है। तुम तो मेहनत ही नहीं करते हो, तो नींद कैसे आएगी। जाओ, दिन में इतनी मेहनत जरूर करो कि तुम थककर चूर हो जाओ। व्यापारी ने ऐसा ही किया। अब वह थकने के बाद बिस्तर पहुंचता, तो उसे गहरी नींद आ जाती थी। ठीक होने पर व्यापारी संत के पास गया और उसको धन्यवाद दिया।

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