Tuesday, March 25, 2025

करतार सिंह सराभा थे भगत सिंह के आदर्श

बोधिवृक्ष

अशोक मिश्र

शहीद भगत सिंह का जन्म पश्चिमी पंजाब के बंगा गांव में 27 सितंबर 1907 में हुआ था। कुछ लोग भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर को हुआ मानते हैं। पश्चिमी पंजाब अब पाकिस्तान में है। उनके पिता सरदार किशन सिंह एक किसान थे। भगत सिंह गदर पार्टी के संस्थापक करतार सिंह सराभा को अपना आदर्श मानते थे। 

अमृतसर के जलियांवाला बाग में 13 अप्रैल 1919 को अंग्रेजी हुकूमत ने बैसाखी के दिन हजारों निर्दोष लोगों की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी थी, तब बारह वर्षीय भगत सिंह बहुत व्यथित हुए थे। हत्याकांड की खबर सुनकर भगत सिंह इतने बेचैन हुए कि अगले दिन वह स्कूल जाने की जगह लाहौर रेलवे स्टेशन पहुंचे और वहां से पहली रेलगाड़ी से अमृतसर आए। 

अमृतसर में वह बारह मील पैदल चलकर जलियांवाला बाग पहुंचे थे। कहते हैं कि उस समय उनके हाथ में एक बोतल थी जिसमें वह निर्दोष भारतीयों का खून भरकर ले जाना चाहते थे। लेकिन बालक भगत सिंह को यह नहीं मालूम था कि खून सूख चुका है। उन्होंने वहां की मिट्टी को बोतल में भरी और अपने साथ लेकर गए। इस घटना का उन पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ा। 

वह क्रांतिकारी साहित्य पढ़ने की ओर प्रवृत्त हुए। चौरी-चौरा कांड के बाद जब महात्मा गांधी ने किसानों का साथ देने से इनकार करते हुए असहयोग आंदोलन वापस ले लिया, तो उनका कांग्रेस और महात्मा गांधी से मोह भंग हो गया। उन्होंने देश के क्रांतिकारियों का मार्ग अपनाया। 

सन 1928 में साइमन कमीशन के विरोध के दौरान लाला लाजपत राय की मौत ने उन्हें इतना उद्वेलित कर दिया कि उन्होंने एएसपी सांडर्स को मारकर लाला जी की मौत का बदला ले लिया। अंतत: 23 मार्च 1931 को भगत सिंह देश की खातिर शहीद हो गए।




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