Saturday, March 22, 2025

लेनिन पुरस्कार पाने वाला फिल्म निर्माता आंद्रेई तारकोवस्की

बोधिवृक्ष

अशोक मिश्र

आंद्रेई तारकोवस्की का जन्म 4 अप्रैल 1932 को रूस के कादिस्की जिले में हुआ था। वह अपने स्कूली जीवन में काफी उपद्रवी छात्र के रूप में जाने जाते थे। इसके बावजूद किसी तरह वह स्नातक करने में सफल हो गए थे। गरीबी और माता-पिता की वजह से काफी अस्थिर जीवन बिताने वाले तारकोवस्की ने जीवन भर संघर्ष किया। 

सन 1954 में उन्होंने स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ सिनेमेटोग्राफी (वीजीआईके) में पढ़ाई पूरी की और फिल्म निर्माता बन गए। कहा जाता है कि उनकी फिल्में काफी धीमी और आध्यात्मिक हुआ करती थीं। टारकोवस्की को अपने करियर के दौरान कई पुरस्कार मिले जिसमें फिररेस्की पुरस्कार, इक्वेनिकल जूरी पुरस्कार और कान फिल्म समारोह में ग्रैंड प्रिक्स स्पेशल डु जूरी पुरस्कार के अलावा वेनिस फिल्म समारोह में उनकी पहली फिल्म इवान्स चाइल्डहुड के लिए गोल्डन लायन और द सैक्रिफाइस के लिए बाफ्टा फिल्म पुरस्कार शामिल हैं। 

1990 में उन्हें मरणोपरांत सोवियत संघ के प्रतिष्ठित लेनिन पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उनकी तीन फिल्में आंद्रेई रुबलेव , मिरर और स्टॉकर- साइट एंड साउंड सभी समय की 100 महानतम फिल्मों के सर्वेक्षण में शामिल थीं। सन 1966 में वह भारत आकर बाबा आमटे से मिले।

 बाबा आमटे द्वारा दिव्यांगों के लिए संचालित आनंदवन में आकर उन्हें काफी अच्छा लगा। उन्होंने भी दिव्यांगों के लिए कुछ करना चाहा, लेकिन उनके पास पैसे नहीं थे। आमटे की सलाह पर उन्होंने आनंदवन के निकट ही संधि निकेतन की नींव डाली और कुछ ही समय में पूरा किया। 

लोगों ने उनकी काफी मदद की। दिव्यांग होते हुए भी उन्होंने संधि निकेतन के निर्माण में मजदूर की तरह काम किया। 29 दिसंबर 1986 को उनकी पेरिस में कैंसर से मौत हो गई।



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