Saturday, September 13, 2025

हरियाणा के बाढ़ग्रस्त इलाकों में बढ़ रहे मलेरिया और डेंगू के मरीज

अशोक मिश्र

बाढ़ का पानी घटने के बाद जिसका डर था, हरियाणा में वह सब कुछ सामने आने लगा है। बाढ़ घटने के बाद पूरे प्रदेश में बीमारियां प्रकोप बनकर लोगों की जान लेने लगी हैं। यही हालत लगभग पंजाब की है। वहां भी ठीक ऐसी ही स्थिति है। आमतौर पर जिस इलाके में बाढ़ आती है या जलजमाव होता है, उन इलाकों में भयंकर संक्रामक रोगों के फैलने की आशंका होती है। 

यह कोई नई बात नहीं है। डूब क्षेत्र में घर बनाने वालों के साथ ऐसा ही होता रहा है। लेकिन अब जब स्वास्थ्य सुविधाएं और अन्य तककीनी सुविधाओं का बोलबाला है तो ऐसी स्थिति में शासन-प्रशासन को पहले ही इसके लिए तैयार रहना चाहिए था। 

हरियाणा में कोई पहली बार बाढ़ नहीं आई है। इन दिनों बाढ़ग्रस्त और जलजमाव वाले इलाकों में सबसे ज्यादा डायरिया, डेंगू, मलेरिया और त्वचा संक्रमण से संबंधित रोग से पीड़ित काफी संख्या में बढ़ रहे हैं। अगर हम प्रदेश में फैलने और होने वाली मौतों की बात करें, तो पानीपत में एक महीने में डायरिया और उल्टी दस्त से पीड़ित आठ लोगों की मौत हो चुकी है। डायरिया से मरने वालों में बच्चों की संख्या सबसे ज्यादा है। इतना ही नहीं, यमुनानगर में  दो, अंबाला में साहा के बिहटा गांव में भी दो बच्चों की मौत हो चुकी है। डायरिया और उल्टी दस्त से सबसे ज्यादा परेशान बच्चे ही होते हैं।

इन्हीं की जान पर सबसे ज्यादा खतरा भी होता है। कई बार तो परिजन बच्चों की उल्टी दस्त पर ज्यादा ध्यान ही नहीं देते हैं, लेकिन जब हालात बेकाबू हो जाते हैं, तो वह अस्पताल या डॉक्टर की ओर भागते हैं। कई बार तब तक बच्चे की जान जा चुकी होती है। बाढ़ और जलभराव ग्रस्त इलाकों में इस सीजन में सोनीपत में सबसे ज्यादा डायरिया के 1816 मरीज सामने आ चुके हैं। रेवाड़ी में 145, नारनौल में सात सौ, फतेहाबाद में 45 और सिरसा में 15 मामले अस्पतालों में दर्ज किए जा चुके हैं। 

प्रदेश स्तर पर अब तक डायरिया के 2700 मरीज अस्पतालों में आ चुके हैं। इनमें से कुछ अपना इलाज करवाकर घर भी जा चुके हैं। प्रदेश में डेंगू और मलेरिया के मरीजों की संख्या भी दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। यदि प्रदेश की बात की जाए तो डेंगू के भी 509 मरीज सामने आए हैं। निकट भविष्य में इनकी संख्या में बढ़ोतरी होने की आशंका है। मलेरिया के 125 मरीज भी अपना इलाज करवा रहे हैं। प्रदेश के सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों में त्वचा से संंबंधित रोगों के मरीज बहुत बड़ी संख्या में आ रहे हैं। बरसात और लोगों के घरों के आसपास पानी भरा होने की वजह से वातावरण में नमी बहुत ज्यादा होती है। इससे त्वचा का संक्रमण कुछ ज्यादा ही तेजी से फैलता है।

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