Friday, September 26, 2025

पराली प्रबंधन करने वाले किसानों को राज्य सरकार से मिलेगा ईनाम

अशोक मिश्र

पराली उत्तर भारत के लिए एक बड़ी समस्या बनती जा रही है। हर साल अक्टूबर के बाद प्रदूषण की समस्या गंभीर हो जाती है। सड़कों पर लोगों का चलना बहुत मुश्किल हो जाता है। लोगों में सांस संबंधी समस्याएं काफी बढ़ जाती हैं। प्रदूषण का सबसे ज्यादा असर बच्चों और बुजुर्ग लोगों पर पड़ता है। कई बार तो इस मामले में सुप्रीमकोर्ट तक को दखल देना पड़ा है। दिल्ली सरकार ने तो पिछले कई साल तक गाड़ियों को आॅड-इवन नंबर से भी चलवाया था, लेकिन इसका कोई सकारात्मक परिणाम देखने को नहीं मिले थे। 

इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए हरियाणा सरकार ने पहले से ही सतर्कता बरतने की पहल की है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सख्त आदेश देते हुए कहा है कि राज्य में जो भी किसान पराली जलाता हुआ पाया जाएगा, उसे सख्त से सख्त सजा दी जाएगी। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा है कि पराली जलाने के आरोपी किसान से जुर्माना तो वसूला ही जाएगा, उसके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया जाएगा। 

पांच एकड़ से अधिक जमीन वाला किसान यदि पराली जलाता पकड़ा गया, तो उस पर तीस हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। दो से पांच एकड़ जमीन वाले किसान पर दस हजार रुपये जुर्माना वसूला जाएगा। यही नहीं दो एकड़ से कम जमीन वाले किसान से पराली जलाने पर पांच हजार रुपये दंड वसूला जाएगा। यदि कोई किसान बार-बार पराली जलाने का दोषी पाया जाता है, तो उस पर एफआईआर दर्ज करने के साथ-साथ दो सीजन तक मंडी में फसल बेचने पर रोक दिया जाएगा। 

हरियाणा सरकार ने पराली प्रबंधन करने वाले किसानों को प्रति एकड़ मिलने वाले एक हजार रुपये के बदले बारह सौ रुपये देने का फैसला किया है। अगर कोई किसान पराली प्रबंधन करता है, तो उसे ईनाम भी दिया जाएगा। इसके बावजूद प्रदेश सरकार ने नंबरदारों, पंचायत प्रतिनिधियों से लेकर अधिकारियों तक की जिम्मेदारी तय कर दी है। यदि इनमें से किसी की भी पराली मामले में लापरवाही पाई जाती है, तो इनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। सरकार ने हर गांव पर निगरानी रखने का भी फैसला किया है। इसके लिए सभी 22 जिलों में नोडल अधिकारी नियुक्त किया जा रहा है। पचास से भी किसानों के लिए एक नोडल अधिकारी तैनात किया जाएगा। नोडल अधिकारी पराली जलाए जाने पर मौके पर जाकर जांच करेगा और सरकार को रिपोर्ट भेजोगा। जिन जिलों में पिछले साल पराली जलाने की घटनाएं ज्यादा हुई थीं, उन जिलों पर विशेष नजर रखी जाएगी। इसके अलावा पराली प्रबंधन में काम आने वाली मशीनों को किराया मुक्त करने पर भी सैनी सरकार गंभीरता से विचार कर रही है।

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