Tuesday, September 30, 2025

सब्जियों और फलों का उत्पादन बढ़ाने से किसानों की बढ़ेगी आय

अशोक मिश्र

हरियाणा के लगभग 12-13 जिलों के किसान इन दिनों संकट में हैं। कुछ ही दिन पहले वह बाढ़ की आपदा झेल चुके हैं। फसल और माल को काफी नुकसान पहुंचा है। कुछ स्थानों पर खेतों में पानी अभी भरा हुआ है। ऐसी स्थिति में किसानों के सामने कई तरह की समस्याएं खड़ी हुई हैं। वैसे तो सरकार ने ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर अपना पंजीकरण कराने वाले किसानों को जांच-पड़ताल के बाद मुआवजा देने की घोषणा भी कर रखी है, लेकिन केवल मुआवजा से ही किसानों की दशा सुधरने वाली नहीं है। 

यह बात सैनी सरकार भी जानती है। यही वजह है कि प्रदेश के किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए प्रेरित करके खाद्यान्न उत्पादन में आने वाली लागत को कम करने और अन्न उत्पादन में बढ़ोतरी की ओर ले जाने का प्रयास कर रही है। वैसे यह बात बिल्कुल सही है कि प्रदेश के ज्यादातर किसान परंपरागत रूप से ही खेती कर रहे हैं। परंपरागत रूप से किसान धान, गेहूं, नरमा, सरसों, ज्वार, बाजरा आदि बोते रहे हैं। धान की खेती में पानी का उपयोग कुछ ज्यादा ही होता है जिससे प्रदेश के कई जिलों में भूगर्भ जल संकट पैदा हो गया है। 

यही वजह है कि पानी की कम खपत और रासायनिक खादों के उपयोग को रोकने के लिए प्राकृतिक खेती करने वालों को कुछ विशेष सुविधाएं भी प्रदान की जा रही हैं। राज्य सरकार ने इस साल 20 हजार एकड़ में प्राकृतिक खेती का लक्ष्य तय किया है।  मृदा लवणता और भूमि सुधार के लिए सरकार ने इस बार 50 हजार एकड़ का लक्ष्य निर्धारित किया है। सरकार ने अपनी बागवानी नीति में भी काफी सुधार किया है जिसकी वजह से किसान अब बड़े पैमाने पर सब्जियों और फलों को भी उगाने लगे हैं। 

इससे उनकी कमाई में काफी इजाफा हो रहा है। किसानों को यह बताया जा रहा है कि यदि खेती में भूमि की सेहत सुधारनी है और कीटनाशकों के उपयोग से बचना है, तो सब्जियों और फलों का उत्पादन करना होगा। हरियाणा में पिछले 11 वर्षों में सब्जियों के उत्पादन का रकबा करीब नब्बे हजार एकड़ बढ़ा है। इससे प्रदेश में अब दूसरे राज्यों से सब्जियों को मंगाने की जरूरत कम हो गई है। 

साल 2012-13 में सब्जियों का रकबा 3.74 लाख हेक्टेयर था, जो साल 2024-25 में बढ़कर 4.85 लाख हेक्टेयर हो गया है। इसी तरह प्रदेश में  फलों का उत्पादन भी बढ़ा है। एक अनुमान के मुताबिक प्रदेश में 12 लाख मीट्रिक टन फलों और 78 लाख मीट्रिक टन सब्जियों का उत्पादन होता है। यह प्रदेश के लिए बहुत ही सुखद बात है। अच्छी बात यह है कि प्रदेश सरकार हर साल कृषि बजट में भी बढ़ोतरी करती जा रही है। इस साल प्रदेश का कृषि बजट 7600 करोड़ रुपये था।

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