अशोक मिश्र
जार्ज वाशिंगटन को संयुक्त राज्य अमेरिका का संस्थापक और पिता माना जाता है। वह अमेरिका के 30 अप्रैल 1789 से 4 मार्च 1797 तक राष्ट्रपति भी रहे।1775 में जब ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ अमेरिका में बगावत शुरू हुई, तो उन्हें महाद्वीपीय सेना का कमांडर इन चीफ बनाया गया। उन्होंने अमेरिका की स्वतंत्रता के लिए जी जान से प्रयास किया और अन्य क्रांतिकारियों की मदद से आखिरकार अपने देश को आजाद कराने में सफल हो गए।
जार्ज वाशिंगटन समय के बहुत पाबंद थे। वह हर काम नियत समय पर ही करना पसंद करते थे। वह सादा जीवन उच्च विचार पर विश्वास रखते थे। उनकी सादगी को देखकर लोगों को ताज्जुब होता था कि अमेरिका का राष्ट्रपति इतना सादा जीवन जीता है। राष्ट्रपति पद संभालने के लगभग तीन महीने बाद की घटना है। उन्हीं दिनों अमेरिकी कांग्रेस के चुनाव हुए थे।
उन्होंने अमेरिकी कांग्रेस के चुने हुए प्रतिनिधियों को एक दिन डिनर पर आमंत्रित किया। इसके पीछे उद्देश्य यह था कि लोगों से परिचय भी हो जाएगा और वह उनके दायित्वों को उन्हें बता सकें। डिनर का जब समय हुआ, तब तक कोई भी प्रतिनिधि वहां नहीं पहुंचा था। जब डिनर का समय हुआ, तो रसोइये ने उनको भोजन परोस दिया। वह भोजन कर ही रहे थे कि तब तक सारे प्रतिनिधि भी पहुंच गए।
उन्हें राष्ट्रपति को भोजन करता हुआ देखकर आश्चर्य हुआ कि मेहमान के आने से पहले भोजन कर रहे हैं। तब वाशिंगटन ने कहा कि मेरा हर काम का समय नियत है। समय बहुत मूल्यवान है। इसके एक-एक क्षण को बरबाद नहीं करना चाहिए। यह सुनकर सभी प्रतिनिधियों को शर्म महसूस हुई और उन्होंने क्षमा मांगते हुए हर काम समय पर करने का वायदा किया।
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