बोधिवृक्ष
अशोक मिश्र
अट्ठारहवीं सदी के महान अंग्रेज चित्रकारों में से एक थे सर जोशुआ रेनाल्ड्स। रेनाल्ड्स का जन्म 16 जुलाई 1723 को डेवोन में हुआ था। वह किशोरावस्था में ही चित्रकला के प्रति आकर्षित हो गए थे। रेनाल्ड्स की प्रारंभिक शिक्षा डेवोन के एक स्कूल में हुई। उनके पिता एक शिक्षक और पादरी थे। उन्होंने प्राचीनकाल से लेकर अपने समकालीन साहित्यकारों का अच्छी तरह से अध्ययन किया, लेकिन उन्होंने चित्रकारी को ही जीवन में अपनाया। रोनाल्ड्स ने थामस हडसन के साथ चित्रकला का अध्ययन किया था।उन्होंने माइकल एंजेलो और टिटियन जैसे पुराने उस्तादों के चित्रों का अध्ययन करने के लिए 1749 में इटली की यात्रा की। इटली पहुंचने के बाद उन्होंने महान चित्रकारों की कलाकृतियों का बड़ी गहराई से अध्ययन शुरू किया। वह अध्ययन में इतना डूब गए कि उन्हें उन दिनों इटली में पड़ रही बर्फ ही ध्यान नहीं रहा। भयंकर बर्फबारी और शीतलहरी की वजह से उनके कान धीरे-धीरे सुन्न होने लगे।
अंतत: परिणाम यह हुआ कि उन्हें सुनाई देना कम हो गया। दो साल बाद वह इटली से लौट आए। उनकी हालत देखकर उनके दोस्त ने कहा कि यदि तुम इटली नहीं जाते, तो आंशिक बहरे नहीं होते। यह सुनकर रेनाल्ड्स ने कहा कि यदि चित्रकला की बारीकियां सीखने के लिए मुझे सौ बार भी अपने कान कुर्बानी देनी पड़े तो मुझे स्वीकार है।
सन 1768 में रायल अकदामी आफ आर्ट्स की स्थापना हुई तो उन्हें उसका अध्यक्ष बनाया गया और वह उस पद पर 1792 अपनी मृत्यु तक रहे। उन्होंने जीवन में दो हजार से अधिक कलाकृतियां बनाई। उन्होंने कला के क्षेत्र में एक शैली विकसित की जिसे काफी पसंद किया गया।

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